c. To rural parts of India
Module 6.3
व्यवसाय के लिए यात्रा Business Travel |
विदेश यात्रा Traveling Abroad
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Text Level
Advanced |
Modes
Interactive Interpretive
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What will students know and be able to do at the end of this lesson?
Interacting with unknown professionals traveling together in culturally appropriate ways |
Text
(अभिजीत शर्मा विप्रो कंपनी के नव-नियुक्त युवा कर्मचारी हैं। कंपनी ने उन्हें पहली बार एक प्रोजेक्ट के सिलसिले में अमेरिका में मिलिपिटास भेजा है। वे अपनी हवाई यात्रा के दौरान श्री बी. रघुनाथ से मिलते हैं जो पिछले 15 साल से अमेरिका में सिस्को सिस्टम्ज़ में कार्यरत हैं और आजकल अपने काम के सिलसिले में भारत आए हुए हैं)
अभिजीत शर्मा – हैलो सर ! रघुनाथ –हैलो ! अभिजीत शर्मा – सर ! मैं अभिजीत शर्मा हूँ। विप्रो के बैंगलूर कार्यालय में प्रोग्रामर हूँ। रघुनाथ – लगता है पहली बार अमेरिका जा रहे हो ? अभिजीत शर्मा – हाँ, कंपनी एक प्रोजेक्ट के लिए भेज रही है। रघुनाथ – अकेले ही जा रहे हो ? अभिजीत शर्मा – नहीं, नहीं सर ! मेरी टीम पिछले तीन महीने से वहीं पर है मैं जाकर उसे जॉयन करूँगा। रघुनाथ- कैसा लग रहा है ? अभिजीत शर्मा – कैसा क्या सर? बहुत अच्छा लग रहा है। रघुनाथ – डर लग रहा है ? अभिजीत शर्मा –अमेरिका जा रहा हूँ सर ! कोई बनाना रिपब्लिक नहीं कि डर लगे। रघुनाथ- वाह ! क्या जवाब है! लाजवाब कर दिया। मेरा मतलब था कि पहली बार विदेश यात्रा में लोग अक्सर नर्वस होते हैं। अभिजीत शर्मा – हाँ, नर्वस ज़रूर हूँ। बहुत कुछ सुन रखा है लोगों से वहाँ के बारे में। रघुनाथ – आज से 15 साल पहले जब मैं अमेरिका गया था तो तुम्हारी तरह नर्वस था। मन में कई तरह की आशंकाएँ भी थीं। लेकिन अमेरिका की यह खूबी है कि वह व्यक्ति को बड़ी सहजता से आत्मसात कर लेता है। अभिजीत शर्मा –क्या भारत की तरह? रघुनाथ –हाँ और नहीं भी। अभिजीत शर्मा – क्या मतलब सर ? रघुनाथ – देखो ! भारत ने सारे धर्म और संस्कृतियों को अपने अंदर स्वीकार कर लिया था और वे सारे धर्म और संस्कृतियाँ अब भारत की ही संस्कृति का अंग बन कर रह गई हैं। लेकिन अमेरिका की ज़िंदगी में आत्मसात होने के बाद भी अपने धर्म और अपनी संस्कृति का मूल रूप कुछ वैसा ही कायम रहता है। यही अमेरिका की विशेषता है। कुछ मायने में यह भारत जैसा ही है। अभिजीत शर्मा – आप तो अमेरिका में 15 साल से हैं। कैसी है वहाँ की व्यावसायिक और व्यक्तिगत ज़िंदगी? रघुनाथ – व्यक्तिगत ज़िंदगी में पूरी स्वतंत्रता और है व्यावसायिक जगत में कड़ी प्रतिस्पर्धा। भाई-भतीजावाद और रिश्वतखोरी जैसी बुराइयों से दूर। अभिजीत शर्मा – सर ! मैं एक मध्यम वर्ग से ताल्लुक रखता हूँ। क्या मैं वहाँ की ज़िंदगी के साथ तालमेल बिठा पाऊँगा? रघुनाथ – अरे ! साल-छह महीने के लिए जा रहे होंगे। पता ही नहीं चलेगा समय कहाँ निकल गया। अभिजीत शर्मा – वह कैसे सर ! रघुनाथ – कंपनीवाले पाँच दिन काम से फुर्सत नहीं देंगे और दो दिन कहाँ-कहाँ घूमूँ और कहाँ नहीं यह सोचते हुए ही निकल जाएँगे। अभिजीत शर्मा – क्या मिलपिटास में घूमने के लिए कोई अच्छी जगहें हैं? रघुनाथ – कुछ दूर मॉन्टरे बे एक दर्शनीय स्थल है। लॉस एंजेल्स और सैन फ़्रांसिस्को भी ज़रूर देखना। गोल्डन गेट की तो बात ही निराली है। वहाँ कई विदेशी फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। अभिजीत शर्मा – सर ! आप इन दिनों कहाँ है? रघुनाथ – वैसे तो मैं रहता मिलपिटास में हूँ लेकिन आजकल एक फ़ेडरल प्रोजेक्ट के सिलसिले में अधिकतर वाशिंगटन में रहता हूँ। अभिजीत शर्मा – तब तो आपसे मुलाकात शायद नहीं हो पाएगी। रघुनाथ- वैसे तो भारतीय मूल के लोगों की कमी नहीं है अमेरिका में और तुम्हारी टीम के अन्य सदस्य भी होंगे तुम्हें एंटरटेन करने के लिए। अभिजीतशर्मा – हाँ, सर ! वह सब तो है। क्या कोई भारतीय परिवार है जहाँ मैं पी. जी. बनकर रह सकूँ। रघुनाथ – इस बारे में मुझे अधिक मालूम नहीं। शायद कुछ ऐसे परिवार हैं जो भारतीय हैं जो भारतीयों को अपने यहाँ रखते हैं। वैसे तुम्हारी कंपनी ने कोई तो व्यवस्था की होगी? अभिजीत शर्मा – सर ! मैं नहीं जानता। यह सब तो वहाँ जाकर ही पता चलेगा। सर ! एक अंतिम प्रश्न पूछना चाहूँगा . रघुनाथ – पूछो ! पूछो ! अभिजीत शर्मा – सर! स्थायी तौर पर रहने के लिए कैसी जगह है? रघुनाथ – जैसी विश्व की अन्य कोई जगह। आज से 10-15 या यह कहें कि 25 साल पहले भारत छोड़कर अमेरिका बसना एक स्वप्न जैसा था लेकिन इधर के वर्षों में भारत के नागरिक जीवन में भी सुधार हुआ और दोनों देशों में अंतर कम होता जा रहा है। वैसे यह बहुत हद तक व्यक्तिगत राय का प्रश्न है। अतः यह ज़रूरी नहीं कि जो मेरी राय हो वो तुम्हारी भी हो। अभिजीत शर्मा – सर ! आप से बात कर के मेरा आत्मविश्वास बढ़ गया है। अब अमेरिका में मेरा समय अच्छा कटेगा। रघुनाथ – मुझे तो इसमें बिल्कुल शक नहीं लगता। अभिजीत शर्मा – सॉरी , मैंने आपका इतना कीमती वक़्त लिया। अब आप भी आराम करें। रघुनाथ- अरे! यह तो तुम्हारे साथ भी आज से 5-10 साल बाद ऐसे ही होगा। सब सलाह लेंगे और तुम खुशी-खुशी सलाह दोगे। ओ के. ! ( दोनों आराम की मुद्रा में आँखें बंद कर लेते हैं) |
Glossary
( shabdkosh.com is a link for an onine H-E and E-H dictionary for additional help)
कार्यरत | working |
आशंका f | apprehension |
आत्मसात् | assimilate |
व्यक्तिगत ज़िंदगी | personal life |
कड़ी प्रतिस्पर्धा f | stiff competition |
फुर्सत f | ख़ाली वक्त m, free time |
दर्शनीय स्थल m | देखने लायक जगह f, worth-seeing place(s) |
निराला / निराली | अद्वितीय, unique |
व्यवस्था f | प्रबंध m, arrangement |
स्थायी तौर पर | permanently |
व्यक्तिगत राय f | personal opinion |
आत्मविश्वास m | self-confidence |
मुद्रा f | posture |
Structural Review
1. | जो ….. भारत आए हुए हैं | This is a statement about one person but the verb is in plural to express respect. Secondly, the verb is in present perfect, which is generally equivalent to ‘has come’ in English. Thirdly, contrast आए हैं with आए हुए हैं. While the former simply means ‘has come’ the latter adds the connotation of ‘having already been in India for some time’. |
2. | वह सब तो है
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Here तो adds a strong degree of force to the preceding word. In addition to this, there are two other functions of तो. The first one is to put the word preceding तो under the spotliight and then compare it with another entity (stated or implied) in the same sentence; for example आख़िर बहू भी तो बेटी जैसी है, आप को तो यहां आने की पूरी इजाज़त है. The second major function of तो is to be a co-marker in if–then type sentences; for example: अगर आप भी चलते तो मज़ा आ जाता. |
3. | अमेरिका …. आत्मसात कर लेता है
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The verb phrase कर लेना is a compound verb and the use of लेना as a second member of the compound verb highlights the subject of the sentence अमेरिका (in this sentence). See another similar sentence in this unit as in भारत ने …. स्वीकार कर लिया था. As opposed to लेना, देना as a second member of the compound would highlight the object. |
Cultural Notes
1. | लगता है पहली बार अमेरिका जा रहे हो ? | Obviously, the implied subject here is either तुम or आप but in both cases, it would be less formal than आप अमेरिका जा रहे हैं. While Abhijit Sharma would use the most formal (which also means most respectful) form of address, Raghunath can afford to use slightly less formal form of address for a younger person and this is not interpreted as disrespectful. Social hierarchy is an accepted phenomenon and thus the use of slightly less formal language by seniors or older people for their juniors or those younger in age is perceived socially appropriate by both interlocutors. |
Practice Activities (all responses should be in Hindi)
1. | What advice would you give someone to prepare for a first time visit to the U.S.? |
2. | What questions would you like to ask an Indian friend if you are going to India on a long assignment? |
3. | Based on the information received from an Indian friend, make an estimated budget of your monthly expenses in India while you are there on a long term assignment. |
4. | Ask an Indian friend working in the U.S. as many questions as you can to get a deeper glimpse into Indian society as a part of your orientation for going to India. |
5. | Identify English words used in this unit. Take help from a dictionary or any other source and try to replace them with Hindi equivalents. Check with a native speaker to see which replacement works and which does not. |
Comprehension Questions
1.What best describes Abhijit Sharma’s disposition?
a. inquisitive
b. making a new friend
c. restless
d. anxious
2. According to Raghunath, what is shared between American and Indian way of life?
a. both are democracies
b. both respect composite cultures
c. both have corrupt officials
d. both respect individual privacy