Module 1b

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Azim Hashim Premji

Module 1.2

सफल उद्यमी – 2

अज़ीम हाशिम प्रेमजी

 

(जन्म 24 जुलाई 1945)

परिचय

यथा नाम तथा गुण को सार्थक करते भारत की इस शख्सियत का नाम है – अजीम हाशिम प्रेमजी। इनका जन्म सन् 1945 में मुम्बई में हुआ था। पाकिस्तान की स्थापना के बाद इनके पिता को वहाँ के वित्तमंत्री बनने का निमंत्रण मिला जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। अजीम प्रेमजी जब स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय कैलिफोर्निया में इलैक्टिृकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे तभी उनके पिता का निधन हो गया और उन्हें पढ़ाई बीच में ही छोड़कर वनस्पति तेल का पैतृक व्यवसाय संभालने के लिए भारत आना पड़ा। 21 वर्ष की आयु में उन्होंने महाराष्ट्र के अमलनेर में स्थापित अपनी वनस्पति तेल कंपनी वेस्टर्न इंडिया विजिटेबल प्रोडक्ट्स लिमिटेड (विप्रो) का कार्यभार संभाला।

परिवार

अजीम प्रेमजी की पत्नी का नाम यास्मीन है। उनके दो बच्चे हैं  रिशाद और तारीक | रिशाद  का विवाह अदिति से हुआ है। रिशाद  इस समय आई.टी. बिजनेस विप्रो के मुख्य कार्यनीति अधिकारी हैं। प्रेम जी अपने यश और अपने धन के बावजूद शील और मितव्ययिता के लिए जाने जाते हैं। अजीम प्रेमजी एक इस्माइली मुसलमान हैं जो ‘‘सादा जीवन उच्च विचार’’ को सार्थक करने में अपनी कर्मठता समझते हैं। उन्होंने अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी को निभाते हुए अपनी संस्था के माध्यम से कई करोड़ों की सहायता गरीबों को दी है।

व्यवसाय विस्तार

वनस्पति तेल से लेकर इंफ़र्मेशन टैकनालोजी (आई.टी.) की लंबी छंलाग लगाकर अजीम प्रेमजी भारत के सर्वाधिक सम्पन्न लोगों में अपना नाम दर्ज करा चुके हैं। उनकी आई.टी. कंपनी लगभग एक लाख करोड़ रुपये की हो गई है। इसमें लगभग 55 हज़ार कर्मचारी काम करते हैं।

प्रेम जी के नेतृत्व में विप्रो में विस्तार और विविधीकरण के एक महत्वाकांक्षी चरण पर काम शुरू हुआ। कंपनी ने साबुन, शिशु देखभाल उत्पादों, शैंपू, पाउडर आदि के साथ प्रकाश बल्ब और अन्य उपभोक्ता उत्पादों के निर्माण शुरू किए। 1980 के दशक में विप्रो ने आई.टी. क्षेत्र में प्रेवश किया। इस प्रकार विप्रो ने एक विशेष लाइसेंस के तहत कंप्यूटर हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर विकास और संबंधित वस्तुओं के निर्माण शुरू कर दिए। परिणामस्वरूप 1.5 करोड़ डॉलर की कंपनी कुछ ही दशकों में सेवाओं, चिकित्साओं और उपभोक्ता वस्तुओं में 6 अरब डॉलर की वृद्धि हुई।

सामाजिक क्षेत्र में परोपकार

1984 में अजीम प्रेमजी ने विप्रो इकविटी को पुरस्कृत कर एक ट्रस्ट की स्थापना की। 2001 में फिर एक नए दृष्टिकोण के साथ अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की स्थापना की।

प्रेमजी ने करीब 8,846 करोड़ रुपये के 21.3 करोड़ इक्विटी शेयरों को अजीम प्रेमजी फाउंडेशन को ट्रांसफर करने की घोषणा की। यह ट्रस्ट विभिन्न सामाजिक और गैर-लाभकारी उद्देशयों के लिए रकम मुहैया कराती है। यह ट्रस्ट अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की ओर से आयोजित होने वाली विभिन्न गतिविधियों को फंड मुहैया कराता है। इनमें प्रस्तावित अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय भी है, जिसका मकसद देश में उच्च स्तर की शिक्षण की सुविधा मुहैया कराना है। गौरतलब है कि 2001 से ही अजीम प्रेमजी फाउंडेशन विभिन्न राज्य सरकारों के साथ शिक्षा में सुधार के लिए साझेदारी कर रहा है। फाउंडेशन अब तक 25,000 स्कूलों के साथ काम कर चुका है जिनमें करीब 25 लाख बच्चे पढ़ते हैं। हाल ही में फाउंडेशन को कर्नाटक सरकार से राज्य में अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय स्थापित करने की मंज़ूरी मिली है। इस विश्वविद्यालय में देशभर के 600 ज़िलों के शिक्षक-प्रशिक्षण-संस्थानों के शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। यह विश्वविद्यालय बेंगलुरु में है और 2011 में इसका प्रशिक्षण-कार्य विधिवत् आरंभ हो गया है। इस फाउंडेशन ने शहर से बाहर सरजापुर रोड पर 75 एकड़ जमीन चिह्नित की है, जो विप्रो के हेड ऑफिस से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर है। विश्वविद्यालय के संचालन पर सालाना 250 करोड़ रुपये निवेश का अनुमान है। आई.टी. सर्विस प्रोवाइडर कंपनी विप्रो के चेयरमैन अजीम प्रेमजी ने दिसंबर 2010 में स्कूली शिक्षा में सुधार करने के लिए 2 अरब डॉलर दान करने का वादा किया। देश में शिक्षा के स्तर पर सुधार के लिए करीब नौ हजार करोड़ रुपये की राशि दान की है। यह राशि किसी भी भारतीय द्वारा चैरिटी में दी गई रकम में सबसे बड़ी है। इस चैरिटी से अजीम प्रेमजी ने कुछ बौद्धिक आलोचकों की इस बात को भी गलत ठहरा दिया है कि भारतीय बिजनेसमैन सिर्फ़ विदेशी संस्थाओं को ही मोटी रकम दान में देते हैं। अमेरिका की प्रसिद्ध व्यापार-पत्रिका फोर्ब्स के अनुसार प्रेमजी भारत के बिल गेट्स हैं। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन द्वारा प्रस्तावित विश्वविद्यालय का मकसद शिक्षा तकनीकों में सुधार लाना है।इस चैरिटी के अवसर पर प्रेमजी ने कहा कि अच्छी शिक्षा बेहतर मानव और समाज के लिए बहुत जरूरी है। हम भारत में शिक्षा के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान करना चाहते हैं और इसके ज़रिए बेहतर समाज की कल्पना करते हैं।

सम्मान और पुरस्कार

बिजनेस-वीक में प्रेमजी को महानतम उद्यमी के रूप में मान्यता प्राप्त हुई है और दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ रही कंपनियों में से एक के वे मालिक हैं ।

– 2000 में अज़ीम प्रेमजी मणिपाल अकादमी ऑफ़ हायर एजुकेशन से डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित हुए।

– 2006 में अज़ीम प्रेमजी को लक्ष्य-व्यवसाय-दूरदर्शी के रूप में मुम्बई के राष्ट्रीय औद्योगिक इंजीनियरिंग संस्थान ने सम्मानित किया।

– साल 2008 में इन्हें अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय द्वारा डी.लिट्. की मानद उपाधि से नवाज़ा गया।

– 2011 में 16.8 अरब अमेरिकी डॉलर की निजी संपत्ति के कारण 2000 में विश्व के सबसे शक्तिशाली 20 पुरुषों में उन्हें चुना गया ।

–  उन्हें टाइम पत्रिका ने सबसे प्रभावशाली 100 लोगों के बीच में दो बार सूचीबद्ध किया है। एक बार सन् 2004 में और दूसरी बार 2011 में।

– 2005 में उन्हें भारत सरकार ने पद्मभूषण और फिर 2011 में दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मविभूषण से सम्मानित किया।

उपयोगी शब्दार्थ

( shabdkosh.com is a link for an onine H-E and E-H dictionary for additional help)

उद्यमी   m/f

कार्यनीति f

मितव्ययिता f

सम्पन्न

नेतृत्व m

विविधीकरण m

महत्वाकांक्षी m/f

परिणामस्वरूप

परोपकार m

मुहैया कराना

गौरतलब

प्रशिक्षण m

बौद्धिक आलोचक m/f

प्रस्तावित

महत्वपूर्ण योगदान m

मान्यता f

मानद उपाधि m

सूचीबद्ध करना

entrepreneur

strategy

frugality

rich

leadership

diversification

ambitious

consequently

charity

to supply

worth paying attention to

training

intellectual critic

proposed

important contribution

recognition

honorary degree

to list


Linguistic and Cultural Notes

1.इनके पिता को वहाँ के वित्तमंत्री बनने का निमंत्रण मिलाThe verb मिलना has two meanings – to meet and to get. In the former sense, it is used as X Y se/ko milaa राम श्याम से/को मिला (Ram met Shyam). In the latter sense, it is used as X ko Y milaaa (X got Y) where y is an inanimate noun. See the Hindi example above; the kernel part there is पिता को निमंत्रण मिला (father got an invitation).

2. उन्हें पढ़ाई बीच में ही छोड़कर वनस्पति तेल का पैतृक व्यवसाय संभालने के लिए भारत आना पड़ा – The kernel part of this long sentence is उन्हें आना पड़ा. This is known as the ‘have to’ construction with circumstantial compulsion which can be explicitly mentioned or implied. In this sense, the word ‘have’ is emphasized in English. The other ‘have to’ construction in English is with the unemphasized (unstressed) ‘have’ with no external compulsion explicitly stated or implied; for example उन्हें आना है (‘he has to come’ in the sense of ‘he needs to come’).

3.The phenomenon of family business houses is wide-spread in India. For young people, it is attractive to step into well-established family businesses. It may eliminate the initial struggle and challenge for young people but may impact the innovation and evolution that usually comes through the struggle for existence and creating a network of individuals and organizations.

Language Development

The two following vocabulary categories are designed for you to enlarge and strengthen your vocabulary.  Extensive vocabulary knowledge sharpens all three modes of communication, With the help of dictionaries, the internet and other resources to which you have access, explore the meanings and contextual uses of as many words as you can in order to understand their many connotations.  

Semantically Related Words

Here are words with similar meanings but not often with the same connotation.

कार्यनीति

संपन्न

परिणामस्वरूप

ग़ौरतलब

रणनीति

धनी

नतीजतन

ध्यान देने योग्य


Structurally Related Words (Derivatives)

उद्यम, उद्यमी

विविध, विविधता, विविधीकरण, वैविध्य

महत्वाकांक्षा, महत्वाकांक्षी, महत्व, महत्ता

शिक्षा, शिक्षक, शिक्षिका, शिक्षण, प्रशिक्षण, शिक्षित, सुशिक्षित, अशिक्षित, शैक्षिक

बुद्धि, बौद्धिक, सुबुद्धि, दुर्बुद्धि

प्रस्ताव, प्रस्तावित, प्रस्तावक, प्रस्तावना

महत्व, महत्वपूर्ण, महत्ता

मान, सम्मान, माननीय, सम्माननीय, सम्मानजनक, मानद

Compound Word through Sandhi

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Comprehension Questions

1. Premji is known for his

a. high education

b. administrative skils

c. charitable contributions

d. simple living

2. Which of the following is not stated or implied in the text?

a. Premji himself expanded his business in many directions.

b. Premji’s fans established a Premji Foundation in his honor.

c. Premji’s contributions to the field of education are immense.

d. Premiji was awarded twice by the Indian government.

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