Module 4

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Module Four – Industrial Growth

उद्यम विकास

Industrial Growth

MRF Tires

Module 4.1

उद्यम विकास1

एम.आर.एफ़. टायर्ज़

 

परिचय

मद्रास रबड़ फैक्ट्री, जो एम.आर.एफ़. (MRF) के नाम से लोकप्रिय है,चैन्नई (तमिलनाडु) में स्थित  है। इसका नाम था एम.आर.एफ़. जो बाद में बदल कर मनोरमा रबड फैक्टरीकर दिया गया। यह मुख्यतः वाहनों के टायर-निर्माण की भारत की एकमात्र सबसे बड़ी टायर निर्माण कम्पनी है और विश्व की  दर्जन भर कंपनियों में सम्मिलित है। विश्व में यह 65 से ज्यादा देशों में टायर निर्यात करती है और इस कम्पनी के संस्थापक थे श्री मेमन मप्पिलै।

इतिहास (1946-1966)

एक युवा उद्यमी के.एम. मेमन मप्पिलै ने सन् 1946 में मद्रास (अब चेन्नई ) में बच्चों के लिए गुब्बारों के विनिर्माण का कारखाना एक शेड के नीचे शुरू किया था। 1949 में एम.आर.एफ़. ने अपना पहला कार्यालय चैन्नई में स्थापित किया जिसमें गुब्बारों के अतिरिक्त खिलौने और कुछ और चीज़ें भी बनती थीं। 1952 में पहली बार रबड़ के निर्माण में अपना कदम बढ़ाया और यहां से कंपनी का आकार द्रुत गति से आगे बढ़ता गया। 1955 तक एम.आर.एफ. पहली भारतीय कम्पनी बन चुकी थी जो उच्च गुणवत्ता वाले ट्रैड रबर टायर बनाती थी जिससे यह भारत में आसानी से बहुराष्ट्रीय कंपनियों से प्रतियोगिता कर पा रही थी। 1956 तक यह कंपनी इस क्षेत्रीय बाज़ार की प्रमुख व्यवसायी बन चुकी थी। भारत में ट्रैड रबर टायर बाज़ार में इसके 50% शेयर होने से इसकी पकड़ इतनी मज़बूत हो चुकी थी कि कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों को अपना कारोबार बंद करना पड़ा।

सन् 1960 में कम्पनी एक प्राइवेट लि. कम्पनी के रूप में अस्तित्व में आई और 5 नवम्बर को मैन्सफ़ील्ड टायरज़ एंड रबड़ कंपनी के साथ मिलकर यह टायरों का निर्माण करने लगी। अब यह एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी थी। 1961 में यह प्राइवेट से पब्लिक कम्पनी बन गयी और अपने उत्पाद दुनिया भर के देशों में (अमेरिका और कैनाडा छोड़कर) निर्यात करने लगी थी जिस पर मैन्सफ़ील्ड ओहायो यू.एस.ए. का ट्रेडमार्क हुआ करता था।

सन् 1967 में एम.आर.एफ़ पहली भारतीय कम्पनी थी जिसको यू.एस.ए. में टायर निर्यात करने की अनुमति मिली थी जबकि यू.एस.ए. को टायरों की जन्मस्थली कहा जाता है। इसी वर्ष टायर निर्माण कम्पनियों के एम.आर.एफ़. मसलमैन का भी जन्म हुआ जो बहुत प्रचलित हुआ और इसने एम.आर.एफ़. को एक नई पहचान प्रदान की। 1984 तक कम्पनी का विक्रय 2 मिलियन डालर पार कर चुका था और यह पहली भारतीय कम्पनी थी जिसको मारुति 800 के टायरों के लिए उपयुक्त समझा गया था।

शोध और विकास

एम.आर.एफ़. विभिन्न वर्गों में टायर्स का अग्रणी निर्माता है। उसका हर टायर एक नई तकनीक और आविष्कार के साथ बाजार में उपलब्ध कराया जाता है और जो काफ़ी उच्चस्तरीय होता है ताकि किसी भी मौसम और सड़क पर आराम से इस्तेमाल किया जा सके। एम.आर.एफ़. ने अन्य विविध क्षेत्रों में भी खुद को स्थापित किया हुआ है जैसे पेंट, खिलौने और रंगों के क्षेत्रों में भी।

सन् 2000 में कम्पनी ने बाजार में रेडियल टायर की रेंज MRF 24TS का लोकार्पण किया जो बिल्कुल भारतीय बाजारों के अनुरूप थी और सन् 2007 में प्रीमियम ट्रक टायर्स निकाला और ये दोनों प्रयास इतने ज्यादा सफल रहे कि 2011 में एम.आर.एफ़. ने $10,000 करोड़ के रेवेन्यू को पार कर लिया। पिछले कुछ वर्षों में एम.आर.एफ़. ने ईको-फ्रैंडली टायर्स बाजार में उपलब्ध करवाए हैं। यह एम.आर.एफ़. की लगातार शोध और विकास का परिणाम है। एम.आर.एफ़. की डिज़ाइन-प्रक्रिया शुरू होती है ग्राहक से – जो रिपोर्ट मार्केटिंग टीम तकनीकी विभाग को ला कर देती है। एम.आर.एफ़. 180 कार्यालयों के साथ 3000 से अधिक डीलरों का मजबूत नेटवर्क है। इसकी टीम में 300 इंजीनियर्स और वैज्ञानिक दिन रात काम करते हैं जो ग्राहक के अनुरूप उत्पाद को डिज़ाइन करने की एक बड़ी ताकत हैं। एम.आर.एफ़. आधुनिकतम टैकनोलॉजी का इस्तेमाल करता है जिसकी सहायता से हर उत्पाद पूरी तरह परीक्षण के बाद ही बाज़ार में उपलब्ध कराया जाता है। इसी वजह से एम.आर.एफ़. लगातार 7 साल से प्रोड्यूसर एशिया पेसिफ़िक अवार्ड्स जीतता आ रहा है जो ग्राहक संतुष्टि सम्मान का प्रमाणपत्र है।

सेवाएँ

एम.आर.एफ़. विक्रयोत्तर सेवाएं अपने ग्राहकों को बहुत अच्छे ढंग से प्रदान करता रहा है जो ग्राहकों को कम्पनी के और करीब लेकर आती रहीं। इसके लिए वह टायर खराब होने पर घर बैठे टायर उठा कर ले जाने की सुविधा भी प्रदान करता है ताकि ग्राहक को कम से कम परेशानी  हो।

एम.आर.एफ़. का क्रिकेट आदि का सामान विशेष रूप से प्रशिक्षण के लिए उत्तम माना जाता है। यह कहने में भी कोई संकोच नहीं है कि एम.आर.एफ़.ने कई तेज गेंदबाज भारतीय टीम को दिए हैं। एम.आर.एफ़. क्रिकेट मैच  भी प्रायोजित करता है। एक समय (1994 – 2009) यह विश्व के बेहतरीन बल्लेबाजों को प्रायोजित किया करता था जैसे वैस्ट इंडीज़ के ब्रियन लारा और  भारत के सचिन तेंदुलकर। एम.आर.एफ़. ने भारत में 2011 में गौतम गंभीर और रोहित शर्मा को भी प्रायोजित किया। क्रिकेट को प्रायोजित करने से एम.आर.एफ़. को एक अलग पहचान मिली।

पुरस्कार

1993 में भारत सरकार ने एम.आर.एफ़. के संस्थापक श्री मम्मेन मप्पिलै को भारतीय उद्योग में श्रेष्ठ योगदान के लिए पद्मश्री से पुरस्कृत किया। देश की बढ़ोत्तरी के लिए सबसे प्रमुख कंपनी के रूप में और भारत के व्यवसाय-जगत् में योगदान करने के लिए सबसे ज्यादा नंबर मिले और A/M  मैग्जीन के अनुसार एशिया में यह सबसे ज्यादा लोकप्रिय मार्केटिंग कम्पनी बन गयी। बाद में अनेक श्रेष्ठ उत्पादों, ग्राहक-संतुष्टि और निर्यात के लिए इसे अनेक पुरस्कार भी मिले हैं।

उपयोगी शब्दार्थ

( shabdkosh.com is a link for an onine H-E and E-H dictionary for additional help)

लोकप्रिय

एकमात्र

सम्मिलित

निर्यात करना

संस्थापक m/f

विनिर्माण m

कारख़ाना m

कार्यालय m

गुब्बारा m

आकार m

द्रुत गति f

गुणवत्ता f

प्रतियोगिता f

प्रमुख व्यवसायी m/f

अस्तित्व m

अनुमति f

प्रचलित होना

उपयुक्त

शोध और विकास m

विभिन्न

अग्रणी निर्माता m/f

आविष्कार m

उच्चस्तरीय

विविध

लोकार्पण m

आधुनिकतम

परीक्षण m

उपलब्ध

ग्राहक संतुष्टि f

सम्मान m

प्रमाणपत्र m

विक्रयोत्तर सेवाएं f.pl.

प्रशिक्ष   m

प्रायोजित

बेहतरीन

popular

exclusive

included

to export

founder

manufacturing

factory

office

balloon

form

fast speed

quality

competition

major business person

existence

permission

to gain currency, to become popular

appropriate

research and development

various

leading maker

invention

high(er) level

various

introducing publicly

ultra modern

testing

available

customer satisfaction

respect

certificate

post-sale services

training

sponsored

excellent

Linguistic and Cultural Notes

1. Besides three tenses (past, present, future) there are various linguistic devices (technically known as aspects) which create fine distinctions in terms of time within an action. Some distinctions are obvious such as वह कर रहा है and वह करता है but there are others such as वह करता रहा है (he has been doing it), वह करता आ रहा है (he has been continuously doing it all along).

2. Charitable contributions made by big business houses for public good have been a tradition for a very long time. From the business viewpoint, such contributions are beneficial at several levels. Firstly, it provides a tax break to the companies. Secondly, it lends a positive image to the organization for its philanthropy. Addtionally, it allows for a greater recognition of its products. In India, big business houses have long supported religious, social and educational causes but providing financial support for advancement in sport is a relatively recent phenomenon. 

Language Development

The two following vocabulary categories are designed for you to enlarge and strengthen your vocabulary.  Extensive vocabulary knowledge sharpens all three modes of communication, With the help of dictionaries, the internet and other resources to which you have access, explore the meanings and contextual uses of as many words as you can in order to understand their many connotations.

Semantically Related Words

Here are words with similar meanings but not often with the same connotation.

लोकप्रिय

सम्मिलित

कार्यालय

आकार

गति

प्रतियोगिता

व्यवसायी

अनुमति

उपयुक्त

विभिन्न

उपलब्ध

सम्मान

बेहतरीन

प्रसिद्ध, मशहूर

शामिल

दफ़्तर

शक्ल, रूप

चाल

मुकाबला, प्रतिस्पर्धा, प्रतिद्वन्द्विता

व्यापारी

आज्ञा, इजाज़त

उचित

विविध

प्राप्त

मान, इज़्ज़त

श्रेष्ठ

Structurally Related Words (Derivatives)

निर्यात, आयात, आयात-निर्यात

स्थापना, संस्थापक, स्थापित

विनिर्माण, निर्माण, निर्मित

Comprehension Questions

1. What is not right with MRF according to the text?

a. MRF had captured almost half of the tire market in India by 1958.

b. MRF’s research and development section has been very strong.

c. MRF is one of the world’s best manufacturers of high-end tires.

d. MRF has sponsored many cricketers and many cricket matches.

2. How many specific awards for MRF are mentioned in the text?

a. 1

b. 2

c. 3

d. 4