Ekta Kapoor
Module 1.4
सफल उद्यमी – 4
एकता कपूर
(जन्म 7 जून 1975, मुंबई)
परिचय
बालाजी टेलीफिल्म की क्रिएटिव हेड एकता कपूर वह नाम है जिसने भारतीय टेलीविज़न को एक नया आयाम दिया और जिसने नवागतों को अपनी पहचान साबित करने का मौका दिया। टेलीविज़न की दुनिया में एकता कपूर के योगदान को इसी बात से समझा जा सकता है कि जिसे कभी छोटा पर्दा कहकर अहमियत नहीं दी जाती थी, वही आज सिल्वर स्क्रीन के नाम से जाना जाता है और बड़े से बड़ा कलाकार आज यहाँ काम करने की इच्छा रखता है।
जीवन परिचय
7 जून 1975 को मुंबई में जन्मी एकता कपूर मशहूर फ़िल्म अभिनेता जितेन्द्र की बेटी हैं। उनकी माता का नाम शोभा कपूर और भाई तुषार कपूर हैं। पर एकता ने पिता की राह न अपनाते हुए अपनी माँ के साथ मिलकर बालाजी टेलीफ़िल्म्ज़ की नींव रखी। जिस ज़माने मे केबल टीवी उपलब्ध नहीं था, उस समय भी एकता कपूर द्वारा निर्मित सीरियलों ने अपनी धाक जमा रखी थी। सच पूछा जाए तो जहां वह अकेले दम पर भारतीय टीवी के दर्शकों की आदतों को बदलने का चमत्कार दिखा रही थीं वहीं दूसरी ओर अपने पिता के ही नक्शेकदम पर चल रहे उनके भाई तुषार कपूर ने अन्य फिल्मों के अलावा बालाजी टेलीफ़िल्म की गोलमाल, शूट–ऑउट ऐट लोखंडवाला आदि कई फिल्मों में अभिनय करके बालाजी फ़िल्म का नाम रोशन किया।
बालाजी टेलीफ़िल्म्ज़
बालाजी 1994 में एक प्राइवेट् लि. कंपनी के रूप में स्थापित हुई । एकता कपूर ने 1994 में महज़ 19-20 वर्ष की उम्र में अपने कैरियर की शुरुआत धुन-धमाका संगीत-सीरियल से की और आज टेलीविजन की दुनिया का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है, जहां बालाजी टेलीफ़िल्म्ज़ ने अपने पाँव न पसारे हों। सीरियल्ज़ से लेकर फिल्मों तक एकता कपूर ने हर तरह के प्रयोगों को अपनाया है। यूं तो पहले भी अपने धारावाहिकों की बढ़ती लोकप्रियता ने उनके कैरियर में चार चाँद लगा ही दिए थे लेकिन जबसे उन्होंने फ़िल्म निर्माण में अपने हाथ आज़माने शुरू किए हैं तबसे उनका ग्राफ़ लगातार ऊपर ही जा रहा है। उनकी कंपनी बालाजी टेलीफ़िल्म्ज़ द्वारा निर्मित धारावाहिक जनता के साथ एक बड़े समय से बड़ी हिट पारी खेल रहे हैं और वे भारत के सभी प्रमुख टीवी चैनलों पर हावी रहे हैं। ये चैनल हैं जैसे – सोनी टीवी, ज़ी टीवी, स्टार प्लस, डीडी मेट्रो, डीडी नेशनल, एनडी टीवी, 9x, कलर्स, ज़ूम आदि । मतलब यह कि कोई भी ऐसा प्रमुख चैनल नहीं था जहाँ बालाजी टेलीफिल्म्स का डंका न बजा हो । बालाजी टेलीफ़िल्म्ज़ द्वारा निर्मित क्योंकि सास भी कभी बहू थी नाम का सीरियल, एकता कपूर के लिए कैरियर के लिहाज़ से मील-का-पत्थर साबित हुआ, जो लगभग 9 वर्षों तक टेलीविजन की दुनिया में छाया रहा। यह अपने में ही एक रिकॉर्ड है. कभी सौतन कभी सहेली, बंदिनी, कोई अपना सा, कहानी घर घर की, कशिश, कोशिश कुसुम, कसम से, आदि कई ऐसे सीरियल हैं जिन्होंने इस रूपहले पर्दे को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
बालाजी टेलीफिल्म्ज़ दक्षिण एशिया, दक्षिणपूर्व एशिया और मध्य एशिया में सबसे बड़ी निर्माण-कंपनी है। भारत में जिस समय अन्य धारावाहिक अपनी गुणवत्ता में काफ़ी पीछे थे तब बालाजी टेलीफ़िल्म्ज़ ने अनेक विदेशी चैनलों के अनुरूप आधुनिक स्टुडियो और उच्च तकनीक का इस्तेमाल किया।
प्रारंभ में एकता कपूर को सफलता नहीं मिली थी पर असली लोकप्रियता उन्हें मिली हम पाँच सीरियल से जो ज़ी-टीवी पर लगातार पाँच साल तक चला। अगला प्रयास दूरदर्शन पर ‘इतिहास’ था और तमिल में सन टीवी पर कुटुम्बम था। ये सब बहुत ही हिट हुए। एकता कपूर को दर्शकों की पसंद और नब्ज़ पहचानने में भी महारत हासिल थी और सभी चैनलों के साथ मधुर व्यावसायिक संबंध बनाये रखने की कुशलता थी। शोध और सर्वेक्षणों से पता चला कि दर्शक संयुक्त पारिवारिक कहानी को ज़्यादा पसंद करते थे ताकि वे उन्हें परिवार के साथ देख सकें। 2001 में बालाजी ने धारावाहिकों के लिए विदेशी बाज़ारों को टटोलना शुरू किया और अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, मध्य एशिया, श्रीलंका, सिंगापुर और मारिशस के प्रवासी भारतीय देखते देखते इसके बाज़ार बन गए ।
एक वह समय भी आया जब धारावाहिकों की अपार कामयाबी और उनके उमड़ते दर्शकवर्ग को देखकर मीडिया और इस उद्योग के लोग युवा एकता कपूर को भारतीय टीवी उद्योग की रानी कहने लगे। छोटे पर्दे के हर कलाकार और नवोदित व उभरते कलाकारों का बस एक ही सपना होता था कि किसी तरह से एकता के साथ काम करने का मौका मिल जाए। कई कलाकारों को एकता ने मौका दिया जो आज इस उद्योग के बेहद सफल कलाकार माने जाते हैं। एकता के धारावाहिकों में कल्पना, कहानी, संवाद,कलाकार, मंच व रूप-सज्जा का अद्भुत मेल था।
हालांकि उनकी फ़िल्मों और विवादों का चोली–दामन का साथ रहा है लेकिन इससे उनकी लोकप्रियता पर कोई असर नहीं पड़ा। वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई, शूट- ऑउट ऐट लोखंडवाला और हाल ही में प्रदर्शित हुई फ़िल्म रागिनी एम.एम.एस. ऐसी कुछ विवादग्रस्त फ़िल्मों के मुख्य उदाहरण हैं लेकिन इन विवादों से फिल्म को काफ़ी हद तक फ़ायदा ही पहुंचा है। भारत में एक प्राचीन कहावत है कि सफलता को प्राप्त करने के बाद इसे बर्दाश्त करना भी आना चाहिए। एकता ने बस यही गलती कर दी। सफलता के नशे में चूर एकता ने सीरियल के नाम पर दर्शकों को कुछ भी परोसना शुरू कर दिया। बस फिर क्या था। दर्शकों ने भी एकता के इस दुस्साहस का जवाब अपने अंदाज़ में दिया और एकता द्वारा निर्मित कई धारावाहिक टीवी पर पानी भी नहीं मांग पाए। कुछ चले भी तो धीरे–धीरे डब्बे में बंद हो गये। यही वह समय था जब एकता को गहरा झटका लगा और शायद दिमाग भी ठिकाने आ गया। उसने अपने उलटे–पुलटे धारावाहिक बनाने की आदत को छोड़ा और इसके साथ ही उन्हें फिल्में बनाने का एक नया शौक चढ़ गया।
कामयाबी का स्वाद चख चुकी एकता को अपने ऊपर पूरा भरोसा था और शायद सफलता के बाद टीवी उद्योग में मिली नाकामी का गुस्सा भी था। 2010 में ALT एंटरटेनमेंट कंपनी की स्थापना के बाद उन्होंने कई फिल्में बनायीं। एकता को फ़िल्मी दुनिया में पहली लेकिन आंशिक सफलता मिली फ़िल्म “क्या कूल हैं हम” से। इसके बाद अगली फ़िल्म “शूट आउट ऐट लोखंडवाला” भी कामयाब रही लेकिन बहुप्रचारित फ़िल्म “मिशन इस्तांबुल” फ़्लॉप हो गई। एकता की सबसे सफल फ़िल्म रही “वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबई”। अजय देवगन, कंगना राणावत, इमरान हाशमी और एकता के कैंप से ही निकली छोटे पर्दे की कलाकार प्राची देसाई के अभिनय से सजी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर जबर्दस्त कारोबार किया।
उपयोगी शब्दार्थ
( shabdkosh.com is a link for an onine H-E and E-H dictionary for additional help)
आयाम m
नवागत m/f अहमियत f दर्शक m/f चमत्कार m नक्शेकदम m.pl. धारावाहिक m लोकप्रियता f शोध m सर्वेक्षण m नवोदित विवादग्रस्त कल्पना m संवाद m आंशिक सफलता f |
dimension
new-comer importance viewer marvel footprints serial (drama) popularity research survey rising controversial imagination dialogue partial success |
Linguistic and Cultural Notes
1.Use of Urdu words in Hindi – Although the border line between Hindi and Urdu is thin, each language has its own characteristics. It can be said that these languages share about 70% of their vocabulary. For formal vocabulary, Urdu draws on Perso-Arabic sources and Hindi draws on Sanskrit. Hindi is more open to borrowing words from Urdu than vice versa. This linguistic phenomenon reflects the composite culture of India. Many Urdu words have been fully assimilated in Hindi (for example नाम रोशन करना, उम्र, शुरुआत, आज़माना, इस्तेमाल, फ़ायदा, अंदाज़, जबर्दस्त) and most speakers are unaware of their origin. However, there are several Urdu words, which owe their use to the individual style of the user and these may or may not be commonly understood. In the current unit, mark the following words which you may or may not find in a Hindi dictionary – अहमियत, नक्शेकदम, महज़, महारत. These words may be understood by some educated speakers of Hindi but certainly not by all Hindi speakers. 2.देखते देखते – This form is an extension of the present participial form देखते हुए and is used in the durative (continuing action) sense. However, when reduplicated it is never used with the word हुए. 3. Mark the use of idioms in the current unit – चार चाँद लगाना, डंका बजना, मील-का-पत्थर साबित होना.4. Balaji Telefilms is a venture launched by Ekta Kapoor. However, the use of the family’s movie business network must have provided an advantageous lead during its starting phase and so one can still count it within the structure of a family business.
Language Development
The two following vocabulary categories are designed for you to enlarge and strengthen your vocabulary. Extensive vocabulary knowledge sharpens all three modes of communication, With the help of dictionaries, the internet and other resources to which you have access, explore the meanings and contextual uses of as many words as you can in order to understand their many connotations.
Semantically Related Words
Here are words with similar meanings but not often with the same connotation.
अहमियत
नक्शेकदम शोध संवाद सफलता |
महत्व, महत्ता
पदचिह्न अनुसंधान बातचीत कामयाबी |
Structurally Related Words (Derivatives)
अहम, अहमियत
दर्शन, दर्शक, दृश्य, दृश्यता, प्रदर्शन, प्रदर्शनी, प्रदर्शक, प्रदर्शनकारी, दार्शनिक
लोकप्रिय, लोकप्रियता
विवाद, विवादित, विवादग्रस्त, वादविवाद, निर्विवाद
कल्पना, परिकल्पना, काल्पनिक, संकल्पना
अंश, आंशिक
सफल, सफलता, साफल्य
Compound Words through Sandhi
सर्वेक्षण < सर्व+ईक्षण
नवोदित < नव+उदित
Comprehension Questions
1. Which of the following statemetnts is consistent with the text?
a. Ekta’s popularity started as a young actress in Hindi films.
b. Ekta’s venture received support from her extended family.
c. Ekta’s serials were known for their joint family values.
d. Ekta’s serials were popular on many Asian channels.
2. What was Ekta’s biggest mistake?
a. ignoring foreign markets for too long
b. transitioning from producing serials to films
c. producing serials of many different kinds
d. becoming inaccessible to budding actors
Supplementary Materials Module 1
Reading
1. एक करोड़ हिन्दुस्तानी 100 करोड़ लोगों की तकदीर बदल सकते हैं – मुकेश अंबानी
http://www.jmuchhal.com/ek-crore-hindustani-100-crore-logo
2. Stay Hungry Stay Foolish – Rashmi Bansal
http://www.amazon.in/Stay-Hungry-Foolish-
Rashmi-Bansal/dp/9381626715
Stay Hungry Stay Foolish is a book that traces the success-stories of twenty-five graduates from IIM-Ahmedabad.
3. ‘Indian family business going through transition’ (Business – Press Trust of India)
http://ibnlive.in.com/news/indian-family-business-going-through-transition/268210-7.html
4. Indian Family Businesses: Their survival beyond three generations (Ramachandran -ISB, Hyderabad)
http://www.encubeindia.com/downloads/indian_family_businesses.pdf
5. I Have a Dream– Rashmi Bansal
Westland And Tranquebar Press, 2011, ISBN 978-93-8065-838-4
6. लोकल से ग्लोबल – प्रकाश बियाणी
http://rajkamalprakashangroup.blogspot.in/2011/08/blog-post_11.html
Listening
1. India Richest Man:- Mukesh Ambani Televisn Interview With FAREED ZAKARIA
https://www.youtube.com/watch?v=jFngMxfomk4
2. Wipro Chairman Says Failure Is Essential Part of Process
https://www.youtube.com/watch?v=pSQsm33uamM
3. Women Enterpreneurs – a powerpoint presentation-Sweet .gal
http://www.authorstream.com/Presentation/sweet.gal-605145-women-entrepreneurs/
4.Women Entrepreneurship In India – A Successful Paradigm Shift In Female Enterprise
https://www.youtube.com/watch?v=tNwdWTUQJqc
5. Dr. Preetha Reddy Apollo Hospitals Managing Directorhttps://www.youtube.com/watch?v=JqMIqSNpmnc
6.Balaji Telefilms Limited
Discussion Ideas Module 1
1. In pairs, discuss the key common traits displayed by all four entrepreneurs covered in this module
2. What do you feel is different about entrepreneurs who are born into a family business versus those who start their own business? Discuss This in terms of personality, industries that they venture into, etc. Split into teams that support the idea that they are similar or different.
3. What do you think is the difference between old entrepreneurial/industrialist families (Tata, Godrej) and the ones cited in this module?
4. In groups of 2-3 pitch a business idea for the Indian market to a panel of investors with the aim of securing funding.
5. Discussion: E-commerce is an area in which many entrepreneurs have tried to find success in India, but have failed. Why is this?
6. Role play: Choose two investors and let the rest be entrepreneurs who pitch start-up ideas to the investors in a competition. Investors ask questions and then need to choose their favorite team to fund.
7. Do you think that the global financial crisis of 2007-08 has its roots in the total materialistic approach? Why was India was comparatively less affected in this crisis?