Ads Media
Module 5.2
विज्ञापन उद्योग – 2
विज्ञापन के माध्यम
विज्ञापन और संचार-मीडिया
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में विज्ञापनों का जितना महत्व हैं, उतना ही महत्व इन संदेशों के वाहक यानी संचार-मीडिया का भी है, ताकि संदेश अपने सम्पूर्ण रूप में उपभोक्ता तक पहुँचे। ये वाहक तकनीकी उपकरण हैं जिनके माध्यम से संदेश प्रेषित किए जाते हैं। ये माध्यम निर्माता और उपभोक्ता के बीच मध्यस्थ का कार्य करते हैं। वैश्वीकरण के इस युग में विज्ञापन माध्यमों का महत्व और बढ़ गया है क्योंकि बाजार एक ही जैसे उत्पादों से भरा पड़ा है और अपने उत्पादों की सफलता पर हर कंपनी का अस्तित्व निर्भर करता है। विज्ञापन के क्षेत्र में व्यावसायिक दक्षता के कारण इस क्षेत्र में गुणवत्ता काफी बढ़ी है, जिसके फलस्वरूप विज्ञापनों के संदेश के प्रस्तुतीकरण का तरीका दिनोंदिन निखरा है।
संचार-माध्यम और उपभोक्ता-वर्ग
एक बात और ध्यान देने योग्य है। हर माध्यम का अलग-अलग उपभोक्ता-वर्ग है। जैसे – इंटरनेट कम्प्यूटर साक्षरों को, रेडियो ग्रामीणजनों को, फिल्में सिनेप्रेमियों को, और पत्र-पत्रिकाएं शिक्षित वर्ग को अधिक प्रभावित करते हैं। मगर यह कोई जरूरी नहीं कि एक ही माध्यम से दिया गया संदेश अपने लक्ष्य तक पहुँचे। इसीलिए एक साथ अनेक माध्यमों का चुनाव करके भी उत्पाद-निर्माता बहुसंख्यक मध्यवर्ग तक पहुँचने की कोशिश करता है। अब तो विज्ञापन माध्यमों के दायरे में परम्परागत माध्यमों से लेकर जनसंचार की चौथी लहर के माध्यम जैसे इंटरनेट, मोबाइल आदि भी शामिल हो चुके हैं।
प्रमुख विज्ञापन माध्यमों का वर्गीकरण
प्रेस/मुद्रित माध्यम – समाचारपत्र, पत्रिकाएं, हैंण्डबिल, ब्रोशर आदि।
प्रसारण माध्यम – रेडियो, टी.वी., सिनेमा, लाउडस्पीकर, केबल नेटवर्क आदि।
परंपरागत माध्यम – हाथी पर प्रचार, कठपुतली, मेले और प्रदर्शनियाँ, डुगडुगी, नौटंकी, लोक-नृत्य आदि।
आउटडोर माध्यम – होर्डिंग, बैनर, दीवार लेखन, पोस्टर, पी.ओ.पी.
दुकानों पर प्रचार-सामग्री – शोकेस, पैकेजिंग, ग्लो साइन, बैलून, लैंपपोस्ट आदि।
आधुनिक माध्यम – इंटरनेट, मोबाइल (एम.एम.एस.) , टेलीफोन, लेड डिस्प्ले।
उपहार माध्यम – बैग, डायरी, पेन, कैलेंडर जैसी उपहार सामग्रियों पर विज्ञापन।
डाक माध्यम – डायरेक्ट मेल
वाहनों पर विज्ञापन – बस, ट्रेन, वैन आदि
लोकप्रिय खेलों या फ़िल्मी समारोहों में खिलाड़ियों के कपड़े/जूते, खेल के सामान और मंच-सज्जा पर, कार, बस, ट्रेन और अन्य वाहनों पर लगाए स्टिकर, होर्डिंग (बिलबोर्ड), पोस्टर आदि कई अन्य प्रकार के विज्ञापनों का प्रवेश भी हो गया है। इनके अतिरिक्त टेलीमार्केटिंग, व्यक्तिगत विपणन, डाक द्वारा विपणन, टेलीविजन ’स्काई शाप’ के माध्यम से विपणन और इन्टरनेट के माध्यम से ’ऑनलाइन विपणन’ भी प्रचलित हो रहे हैं।
टेलीमार्केंटिंग
टेलीमार्केंटिंग यानी टेलीफोन के माध्यम से की जाने वाली मार्केटिंग में कम्पनियाँ ग्राहकों के ’डेटाबेस’ हासिल करके उनसे सीधे सम्पर्क करती हैं और अपने उत्पाद का विज्ञापन तथा विपणन करती हैं। टेलीफोन के माध्यम से ग्राहकों से सम्पर्क साधा जाता है, उन्हें उत्पाद के बारे में सूचना दी जाती है और यदि ग्राहक की प्रतिक्रिया उत्साहजनक होती है तो कम्पनी का प्रतिनिधि उस संभावित ग्राहक से मिलता है और उत्पाद या सेवा को खरीदने के लिए उसे प्रेरित करता है। देश में 1800 और 1600 से शुरू होने वाले निःशुल्क और सशुल्क टेलीफोन नम्बर का ये व्यावसायिक कम्पनियां ग्राहकों के लिए उत्पाद के ऑर्डर देने या सेवा उपलब्ध कराने और सेवा या उत्पाद की जानकारी पाने के लिए इस्तेमाल करती हैं।
ऑनलाइन शापिंग
इंटरनेट के माध्यम से ’ऑनलाइन विपणन’ में उत्पादक अपने उत्पादों के विज्ञापन इंटरनेट पर देते हैं । उसके बारे में तकनीकी जानकारी व उपयोग का तरीका आदि दिखाते हैं। साथ ही क्रेडिट कार्ड व अन्य भुगतान के तरीकों से ऑर्डर इंटरनेट पर ही बुक करके उपभोक्ताओं के घर व्यक्तिगत रूप से या डाक और कोरियर द्वारा भिजवाते हैं। ’ई-बे’ और फ़्लिपकार्ट डाट काम नामक कम्पनी और बहुत दूसरे पोर्टल ई-शॉपिंग की सुविधा प्रदान कर रहे हैं।
स्काई शॉप’
टेलीविजन के माध्यम से विपणन भारत में निजी टेलीविजन चैनलों के आगमन के साथ ही शुरू हो गया था और अब तो दूरदर्शन पर भी स्काईशॉप के विज्ञापन देखे जा सकते हैं। ये स्काईशॉप दरअसल उपभोक्ता के घर से दूर, लेकिन मात्र एक टेलीफोन कॉल की दूरी पर स्थित दुकानें हैं जहां से उपभोक्ता अपनी पसंद का सामान खरीद सकता है। चूँकि उपभोक्ता इस ’स्काईशॉप’ तक नहीं पहुँच सकता, इसलिए उपभोक्ताओं को टेलीविजन पर ही उत्पादन की जानकारी दी जाती है। इसमें उत्पाद का प्रदर्शन, उसके उपयोग की जानकारी, उसके फ़ायदे आदि सब वैसे ही बताये जाते हैं जैसे किसी दुकान पर आने वाले ग्राहक को जानकारी दी जाती है। टेलीविजन पर आने वाले स्काईशॉप के विज्ञापन इसीलिए काफ़ी लम्बे और कभी कभी तो एकाध घण्टे के भी होते हैं। विज्ञापनों में लगातार टेलीफ़ोन नम्बर भी दिखाए जाते हैं साथ ही साथ उपभोक्ताओं को प्रेरित करने और उकसाने के लिए ’यदि आप अभी ऑर्डर बुक करते हैं तो आपको मिलेगा इसके साथ यह मुफ्त’ जैसे वाक्य भी दोहराए जाते हैं। इसमें उत्पाद को इस्तेमाल करने वालों के अनुभव भी दिखाए जाते हैं। विशेष रूप से बने इंफ़ोमर्शियल भी प्रसारित होते हैं जो केवल टेलीमार्केटिंग के उद्देश्य से ही बनते हैं। कई लोकप्रिय कलाकार और खिलाड़ी भी इसमें प्रचार करते मिल जाएंगे।
(इस माड्यूल की सामग्री हेना नक़वी कृत पत्रकारिता एवं जनसंचार (उपकार प्रकाशन) के अध्याय 18, पृ.सं 167-169 पर आधारित है। विस्तृत जानकारी के लिए उपर्युक्त पुस्तक पढ़ें)
उपयोगी शब्दार्थ
( shabdkosh.com is a link for an onine H-E and E-H dictionary for additional help)
विज्ञापन m
वर्तमान परिप्रेक्ष्य m वाहक m/f सम्पूर्ण रूप में तकनीकी उपकरण m प्रेषित करना मध्यस्थm/f अस्तित्व m निर्भर करना व्यावसायिक दक्षता f फलस्वरूप प्रस्तुतीकरण m निखरना ग्रामीणजन m/f शिक्षित वर्ग m बहुसंख्यक m परम्परागत जनसंचार m वर्गीकरण m प्रसारण m कठपुतली f प्रदर्शनी f डुगडुगी f नौटंकी f लोकनृत्य m इनके अतिरिक्त व्यक्तिगत विपणन m प्रचलित होना सम्पर्क साधा जाता है प्रतिक्रिया f उत्साहजनक प्रतिनिधि m/f संभावित ग्राहक m/f निःशुल्क सशुल्क आगमन m प्रदर्शन m प्रेरित करना उकसाना |
advertisement, commecial
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Linguistic and Cultural Notes
1. Notice the use of the hyphen in some examples of this unit – अलग-अलग, उपभोक्ता-वर्ग, ई-बे, ई-शॉपिंग, स्काई-शॉप. While in the first two examples, the use of the hyphen is considered superfluous, it is recommended for the last three compound words from English to provide clarity.
2. Businesses keep in mind relevant ways to attract the consumers’ attention through ads while keeping the ads cost effective. Consequently, writing on public walls is a much cheaper form of advertising as the advertiser very often does not have to pay for the use of of these walls. In rural areas, personal announcements delivered by a town-crier on a rikshaw using a handheld mike is a common pratice and a part of the same strategy.
Language Development
The two following vocabulary categories are designed for you to enlarge and strengthen your vocabulary. Extensive vocabulary knowledge sharpens all three modes of communication, With the help of dictionaries, the internet and other resources to which you have access, explore the meanings and contextual uses of as many words as you can in order to understand their many connotations.
Semantically Related Words
Here are words with similar meanings but not often with the same connotation.
विज्ञापन
इजाफ़ा बदनामी निष्कर्ष विवाद खासियत लुभावना दरअसल दबदबा |
इश्तहार
वृद्धि अपयश नतीजा झगड़ा विशेषता आकर्षक असल में, वास्तव में प्रभुत्व |
Structurally Related Words (Derivatives)
ज्ञापन, विज्ञापन
वहन, वाहन, वाहक
पूर्ण, पूर्णता, संपूर्ण, संपूर्णता
प्रेषण, संप्रेषण, प्रेषित, प्रेषक
मध्य, मध्यस्थ, मध्यस्थता
व्यवसाय, व्यवसायी, व्यवसायक, व्यवसायिक, व्यावसायिक
प्रस्तुति, प्रस्तुतीकरण
शिक्षा, शिक्षक, शिक्षिका, शिक्षण, प्रशिक्षण, शिक्षित, सुशिक्षित, अशिक्षित, शैक्षिक
परम्परा, परम्परागत, पारम्परिक
वर्ग, वर्गीकरण
प्रसार, प्रसारण
दर्शन, दर्शक, दृश्य, दृश्यता, प्रदर्शन, प्रदर्शनी, प्रदर्शक, प्रदर्शनकारी, दार्शनिक
लोक, लौकिक
क्रिया, प्रक्रिया, प्रतिक्रिया, प्रतिक्रियात्मक, सक्रिय, सक्रियता, निष्क्रिय, निष्क्रियता
संभावना, संभावित
शुल्क, निःशुल्क, सशुल्क
प्रेरणा, प्रेरणाप्रद, प्रेरणादायक, प्रेरित
Comprehension Questions
1. Based on the text, which medium has proved most effective in marketing?
a. telemarketing
b. internet
c. broadcasting media
d. none of the above
2. Based on the text, which factor has proved to be more effective in e-shopping?
a. use of credit card and home delivery
b. providing detailed product information
c. additional incentives for tele-shoppers
d. no comparative information in the text