Future of Outsourcing
Module 6.4
ऑउट्सोर्सिंग उद्योग – 4
ऑउट्सोर्सिंग का भविष्य
परिचय
बी.पी.ओ. के क्षेत्र में उल्लेखनीय निर्यात के कारण भारत के लिए आउटसोर्सिंग राष्ट्रीय आय का महत्वपूर्ण स्रोत बन चुका है। आज आउटसोर्सिंग में उच्चस्तरीय सफलता के बावजूद हर किसी के दिमाग में यही सवाल उठ रहा है कि क्या आउटसेार्सिंग का भविष्य अगले 10 या 20 सालों तक चलेगा। हालांकि भारत एक प्रमुख आउटसोर्सिंग हब के रूप में कामयाब रहा है लेकिन फिर भी प्रश्न इसके भविष्य में भी बने रहने का है क्योंकि वैश्विक बाजार की गतिशीलता को आउटसोर्सिंग बदल रही है। वर्तमान और भविष्य का व्यावसायिक रुझान आउटसोर्सिंग बाजार को निश्चित प्रभावित करेगा।
भारत के नामी संस्थान नैस्कॉम की भविष्यवाणी है कि आने वाले वर्षों में बी.पी.ओ. कारोबार में 6 प्रतिशत और 8 प्रतिशत की दर से वृद्धि होगी। नैस्कॉम के अनुसार बी.पी.ओ. के क्षेत्र में वैश्विक प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखते हुए भारत में इस वर्षानुवर्ष विकास को जारी रखने के लिए कारोबार की लागत कम रखना, गुणवत्ता और क्षमता को बढ़ाना बहुत महत्वपूर्ण होगा। इसमें कोई शक नहीं कि भारत व्यापार, ज्ञान, शोध, कानूनी और संबंधित उच्च अंतःप्रक्रियाओं की आउटसोर्सिंग करने का उत्कृष्ट स्थान और विदेशी कंपनियेां की मांग बन चुका है। परंतु यह भी उतना ही सत्य है कि आने वाले वर्षों में चुनौतियां बढ़ेंगी और इसलिए अपनी वर्तमान उपलब्धियों को बरकरार रखने के लिए नए उपाय ढूंढने होंगे।
भविष्य की चुनौतियां
विश्लेषक भविष्यवाणी कर रहे हैं कि उद्योग के लिए खरीददार बेहतर गुणवत्ता और कम लागत पर ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं और इसलिए ऐसा होने की संभावना है कि विदेशी कंपनियां अधिक लचीले मूल्यों के ठेके को निर्धारित करके सेवा-प्रदाताओं पर दबाव डालेंगी। ऐसा भी लग रहा है कि विदेशी कंपनियां अधिक मानकीकृत समाधान की तलाश में हैं जिससे वे अपनी खुद की अलग पहचान बना सकेंगे और यह प्रवृति अभी जारी है।
एक सर्वेक्षण कम्पनी प्राइसवॉटर हाउस कूपर्स और ड्यूक यूनीवर्सिटीज़ रिसर्च नेटवर्क के मुताबिक आउटसोर्सिंग नए सेवा-प्रदाताओं को जन्म दे रहा है। उद्योग के विशेषज्ञों का अनुमान है कि लैटिन अमेरिका और यूरोप निकट भविष्य में आउटसोर्सिंग के गन्तव्य स्थान होंगे। ब्राज़ील और रूस के वैश्विक आउटसोर्सिंग बाज़ार में इनकी उपस्थिति को महसूस किया जा रहा है। इसके इलावा चीन भी इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए अपने प्रयास बढ़ा रहा है। हालांकि भारत आउटसोर्सिंग कारोबार में दुनिया का अग्रणी देश है पर निकट भविष्य में दक्षिणपूर्वी एशियाई देश जैसे इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, वियतनाम और थाईलैण्ड आदि अपनी स्थिति को इस उद्योग में सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। भारत को इण्डोनेशिया जैसे देशों से प्रतिद्वंद्विता का सामना करना पड़ रहा है जहां श्रम सस्ता है जबकि भारत में श्रम लागत में वृद्धि हो रही है।
भारतीय मैट्रो शहरों में श्रम लागत में वृद्धि के कारण कंपनियों का रुख छोटे शहरों की ओर हो रहा है और इसके कारण सुशिक्षित और सक्षम कर्मचारियों के उन इलाकों में हमेशा उपलब्ध होने में सन्देह पैदा हो रहा है।
अमेरिका और ब्रिटेन जैसे बाजारों में आर्थिक स्थिति और राजनीतिक संकट के कारण भी आउटसोर्सिंग को कुछ हद तक प्रतिबन्धित किया जा सकता है। मंदी के दौर में जिस तरह से दुनिया में सोच बदल रही है उसका असर भी आउटसोर्सिग पर अवश्यंभावी है।
भारत के लिए अवसर
भारतीय आउटसोर्सिंग उद्योग का अभूतपूर्व विकास हुआ है। दुनियाभर के बाजार ज्ञान पर आधारित होते जा रहे हैं| भारत ज्ञान पर आधारित सेवाओं के लिये सबसे पसंदीदा गन्तव्य बन गया है। आउटसोर्सिंग सेवाओं के लिए बेहतर अंग्रेजी की आवश्यकता हेाती है जो भारत में प्रचुर मात्रा में है। भारत उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए लगातार प्रयास जारी रखेगा । नैस्कॉम के अनुसार सन् 2015 तक भारत उत्कृष्ट सेवाओं का दुनिया के केन्द्र के रूप में उभरेगा। नॉलेज प्रोसेस आउटसोर्सिंग जल्द ही भारत में सबसे बड़ी राजस्व कमाई होने की संभवाना है। भारत में कुशल जनशक्ति – चाटर्ड-एकांउटेन्टस, एम.बी.ए., डॉक्टर, वकील आदि का एक बड़ा पूल है जिनको अनुसंधान, विश्लेषण और ज्ञान-सेवा क्षेत्र में महारत हासिल है।
भारत कई फॉर्च्यून 500 कंपनियों को पहले से ही आउटसोर्सिंग सेवाएँ प्रदान कर रहा है जिनमें आई.बी.एम.,ए.टी.सी.एस.,ए.सी.एस.आदि प्रमुख हैं। भारत क्लीनिकल रिसर्च, एवं उत्पादन के मामले में फार्मास्युटिकल का एक बड़ा बाजार है। भारत में प्राप्य उच्च गुणवत्ता, परीक्षण और डेटा प्रबन्धन के लिए प्रतिभा की उपलब्धता प्रतिद्वंद्वियों से बढ़त प्राप्त करने में सहायक होगी।
भारत में इन्फ्रास्ट्रक्चर और प्रबन्धन सेवा की विशेषज्ञता का होना एक बड़ी उपलब्धि है। यहां आई.टी. इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए प्रबंधन की कुशल व्यवस्था, आवेदन, संचालन और सुरक्षा के लिए प्रबन्धन सेवाओं की एक विस्तृत शृंखला है।
उपयोगी शब्दार्थ
( shabdkosh.com is a link for an onine H-E and E-H dictionary for additional help)
उल्लेखनीय
महत्वपूर्ण स्रोत m गतिशीलता f भविष्यवाणी f वैश्विक प्रतिस्पर्धा f वर्षानुवर्ष गुणवत्ता f क्षमता f अंतःप्रक्रिया f उपलब्धि f बरकरार रखना विश्लेषक m/f लचीले मूल्य m निर्धारित करना मानकीकृत समाधान m प्रवृत्ति f गन्तव्य स्थान m प्रतिद्वंद्विता f श्रम लागत f सक्षम आर्थिक स्थिति f राजनीतिक संकट m प्रतिबन्धित करना मंदी के दौर में अवश्यंभावी अभूतपूर्व पसंदीदा प्रचुर मात्रा f उत्कृष्टता f राजस्व m महारत f प्रतिभा f |
remarkable
important source mobility forecast global competition year after year quality capacity, capability interaction achievement to maintain analyst flexible prices to fix, assign standardized solution trend destination rivalry labor cost capable economic situation political crisis to ban during the depression phase bound to happen unprecedented favorite abundant quantity superiority revenue expertise talent |
Linguistic and Cultural Notes
1. Acronyms in Hindi are almost always taken directly from English. There are three reasons for this preference that would explain most examples. First, the full name is almost always in English and hence the link between the acronym and the full name is obvious. Secondly, the English writing system is letter based while the Hindi writing system is syllable based, which means that acronyms will come out to be longer in Hindi than in English. For example Business Processing Overseas is BPO in English but it will be बी.प्रो.ओ which is not easy to pronounce. The third reason is the obvious one that English acronyms come with the names they stand for and hence are meaningful across borders. Acronyms are often understood in familiar contexts.
2. According to industry experts, the future of outsourcing is secure due to the benefits that it brings to both parties. As long as outsourcing provides the benefit of low-wage services, it is likely to continue. India will continue to be a preferred place for many multinational corporations in the developed world, because of the level of education of Indian workers, their facility in English, and the efficient use of technology.
Language Development
The two following vocabulary categories are designed for you to enlarge and strengthen your vocabulary. Extensive vocabulary knowledge sharpens all three modes of communication, With the help of dictionaries, the internet and other resources to which you have access, explore the meanings and contextual uses of as many words as you can in order to understand their many connotations.
Semantically Related Words
Here are words with similar meanings but not often with the same connotation.
महत्वपूर्ण
वैश्विक प्रतिस्पर्धा वर्षानुवर्ष क्षमता उपलब्धि मूल्य निर्धारित करना समाधान सक्षम स्थिति प्रचुर उत्कृष्टता महारत |
अहम
सार्वभौमिक स्पर्धा, प्रतिद्वन्द्विता, मुकाबला प्रतिवर्ष सामर्थ्य प्राप्ति दाम, कीमत निश्चित करना हल समर्थ हालत पर्याप्त श्रेष्ठता कुशलता, कौशल |
Structurally Related Words (Derivatives)
लिख, लेख, उल्लेख, उल्लेखनीय, अभिलेख
गति, गतिशील, गतिशीलता, प्रगति
स्थान, संस्थान
भविष्यवाणी, भविष्यवक्ता
उपलब्ध, उपलब्धि, उपलब्धता, सुलभ, दुर्लभ
विश्लेषण, विश्लेषक, विश्लेषणात्मक
निर्धारण, निर्धारित, निर्धारक
मानक, मानकीकरण, मानकीकृत
वृत्ति, प्रवृत्ति
द्वंद्व¸ प्रतिद्वंद्वी, प्रतिद्वंद्विता
शिक्षा, शिक्षक, शिक्षिका, शिक्षण, प्रशिक्षण, शिक्षित, सुशिक्षित, अशिक्षित, शैक्षिक
Comprehension Questions
1. Which of the following options is not correct according to the text?
a. India is a place of knowledge for foreign companies.
b. India is already a hub of BPOs for foreign companies.
c. Indian agencies are indispensable for foreign companies.
d. India specializes in infrastructure and management services.
2. India can be left behind by other competing countries because
a. the Indian wage structure is gradually increasing.
b. India is gradually moving on to manufacturing.
c. Moving BPO agencies to rural areas may reduce quality.
d. Advanced nations may outsource work only to friendly nations.
Supplementary Materials Module 6
Reading
1.Business process outsourcing to India – Wikipedia, the free
https://www.google.co.in/search?q=outsourcing+in+india&oq=outsourcing&aqs=chrome.3.69i57j0j5j0j69i61.17992j0j1&sourceid=chrome&ie=UTF-8
2. Career in केपीओ / बीपीओ , Careers and Career Option
Listening
1. India’s fast growing rural BPO market
Uploaded on Jul 20, 2010
Money Mantra: In this show, Biplab Saha, Business Head of Source for
Change; Dhiraj Tolwani, CEO of B2R Technologies; Sachin Bhatia, co-founder of Drishti Soft Solutions and Murli Vullaganti, CEO of Rural Shores, share their views about the scope and future of India’s rural BPO market. eMagazines: Online magazines from India, e-Magazines list fast growing rural BPO market.
2.India’s fast growing rural BPO market https://www.youtube.com/watch?v=5CMONdJZrTM
3.The role of BPO industry in jobs creation https://www.youtube.com/watch?v=7_ScGTLzmJA
Uploaded on Jun 8, 2011
Pramod Bhasin, the founder of Genpact, shares his views on how the Information and Communication Technology (ICT) industry is playing a major role in boosting employment in the country and acting as a feeder service to other services sector.
4.India – Infinite Opportunities: An overview of the Indian IT-BPO Industry
https://www.youtube.com/watch?v=j3gDthDnOYI
5.Glimpse of the India IT BPO Industry (NASSCOM).wm
Discussion Ideas Module 6
1. In pairs, discuss the costs and benefits to Indian society of the rapid growth in the outsourcing industry.
2. Assume the role of the Sarpanch of a village Panchayat. Deliver a 5 minute presentation to a potential BPO company persuading them to select your village as their next expansion site
3. What are the threats that India will lose its advantage in the BPO industry? In pairs, have one person argue for India’s long term/sustained advantages (e.g. English language) and one for the potential threats or disadvantages (e.g. time difference from US and Europe).
4. Discuss the opportunity to raise the standard of living in rural India through providing basic BPO services to big Indian companies rather than western companies. Can a company like Reliance or Airtel use rural workers to staff some of their call centers?
5. Discussion: Other countries are becoming more competitive with India’s rates for outsourcing. Is this a cause for concern? Why or why not?
6. Discussion: Beyond India’s economic growth, outsourcing has had cultural and societal implications within India (due to the odd hours worked, quick turnover, and other aspects of “BPO Life.”) Discuss the positive and negative consequences – does one side outweigh the other?