Business Advantage
Module 6.1
ऑउट्सोर्सिंग उद्योग -1
व्यावसायिक आउटसोर्सिंग
आउटसोर्सिंग का अर्थआउटसोर्सिंग एक ऐसा समझौता है जिसमें किसी निश्चित कार्य, उत्पाद या उत्पाद के किसी भाग के विनिर्माण को देश में या देश के बाहर किसी बाहरी संस्था को निष्पादित करने हेतु सौंप दिया जाता है। आउटसोर्सिंग करने के विकल्प का चयन फ़र्म के हित को ध्यान में रखकर किया जाता है जिससे कि समय, शक्ति तथा धन का बेहतरीन उपयोग किया जा सके। दिन प्रतिदिन के कार्य, प्रबन्धन कार्य, अथवा सम्पूर्ण व्यापारिक गतिविधियों का किसी बाहरी सेवा-प्रदाता को हस्तान्तरित करना आउटसोर्सिंग कहलाता है। इन कंपनियों को बी.पी.ओ. कंपनियां भी कहा जाता है। बी.पी.ओ. अंग्रेज़ी के बिज़नेस प्रोसैसिंग आउटसोर्सिंग का संक्षिप्त रूप है।
आउटसोर्सिंग तथा ऑफशोरिंग इन दोनों शब्दों के मध्य कुछ महत्वपूर्ण तकनीकी अंतर होने के बावजूद भी वे शब्द एक दूसरे की जगह प्रयोग किए जाते हैं। जब आउटसोर्स इकाई किसी अन्य देश में स्थित होता है तो इस अभ्यास को ऑफशोरिंग भी कहा जाता है। आम तौर पर ऑफशोरिंग का मतलब होता है जब व्यावसायिक संगठन अपने कुछ कार्यों को किसी अन्य देश में स्थानान्तरित करते हैं जहां टैक्स या विनिर्माण आदि में बचत हो।
एक प्रकार से यह श्रम का विभाजन है और ग्राहक एवम् सेवा-प्रदाता के मध्य एक संविदात्मक समझौता है। व्यापार खण्डों द्वारा की जाने वाली आउटसोर्सिंग में सूचना तकनीकी, मानव-संसाधन सुविधाएँ, रियल स्टेट प्रबन्धन, लेखांकन आदि सम्मिलित हैं। बहुत सी कम्पनियाँ अपने वर्तमान या भावी ग्राहकों के प्रश्नों का समाधान करने के लिए या अपने उत्पाद को बेचने के लिए अपने कॉल-सेन्टर दूसरे देशों में रखते हैं जहां उन्हें स्थानीय कर्मचारियों को कम वेतन देना पड़ता है। इन कार्यों में टेलीमार्केटिंग, ग्राहक सेवा, बाज़ार अनुसंधान, निर्माण, डिज़ाइनिंग, वेब-विकास, तथ्य-लेखन, अभियान्त्रिकी आदि का आउटसोर्सिंग होता हैं। वैश्विक परिदृश्य के विस्तृत होने के कारण प्रक्रियाएँ अब सतत रूप से आउटसोर्स की जाती हैं और इसके लिए सूचना के परिपथों द्वारा सम्पूर्ण विश्व में इन्टरनेट पर प्रचुर मात्रा में उपलब्ध अवसरों को प्रयोग में लाया जाता है।
आउटसोर्सिंग और भारत
आउटसोर्सिंग एक अति लोकप्रिय एवम् काम में लायी जाने वाली कार्यनीति है जो 1980 से संपन्न देशों के बड़े बड़े व्यवसायों का एक अभिन्न अंग बन चुका है। यू.एस.ए., यू.के., आस्ट्रेलिया तथा कनाडा के अनेक व्यावसायिक क्षेत्र भारत को अपने काम का आउटसोर्स कर रहे हैं, जैसे कि सूचना तकनीकी, ग्राहक समर्थन, बैक-एण्ड कार्य आदि। बहुत सारी बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ अपने कार्य की व्यापारिक आवश्यकताओं को सस्ती लागत के कारण भारत में आउटसोर्स करती हैं। यदि किसी कार्य की लागत यू.एस.ए. में 100 डॉलर आती है, तो भारत में उसी की लागत 20 डॉलर आती है। इस कारण कई कम्पनियाँ अपना कार्य लागत बचाने हेतु आउटसोर्स कर रही हैं। भारतीय पेशेवर व्यक्तियों की सेवाएँ अमेरिकी पेशेवरों से 4 गुना सस्ती हैं। सर्वे बताते हैं कि विश्व के साफ़्टवेयर तथा बैक-एण्ड सेवाओं के आउटसोर्सिंग कार्य का 40 प्रतिशत कार्य भारत में होता है।
वर्ल्ड बैंक के एक सर्वे के अनुसार आउटसोर्सिंग कार्य करवाने वालों की प्रथम पसन्द भारत है। यू.एस.ए. तथा भारत के समय में लगभग बारह घण्टे का अन्तर है। इस प्रकार का अन्तर काम की दृष्टि से बड़ा महत्वपूर्ण सिद्ध हुआ है। कई काम ऐसे हैं जो दिन के अंत में कंपनियां इंटरनेट के माध्यम से भारत में स्थानांतरित करती हैं। उस समय भारत में सुबह का समय होता है। जब अमेरिका के लोग सोते हैं तब भारत के लोग दिन में काम पूरा करके अमेरिकनों के उठने तक उन्हें इंटरनेट के द्वारा वापस कर देते हैं। कुछ परियोजनाएं ऐसी हैं जिनकी अनुरक्षण-समस्या को दूर बैठे हुए वीडियो कान्फ्रेन्सिंग द्वारा दूर किया जाता है। ऐसे ही कंप्यूटर के साफ़्टवेयर की मरम्मत हज़ारों मील दूर बैठकर की जाती है। कंप्यूटर अमेरिका के किसी घर में है और उसको ठीक करने वाला भारत में या फ़िलीपीन में बैठा होता है।
कॉल-सेन्टर पहली ऐसी सेवाएँ हैं जिन्हें भारत को आउटसोर्स किया गया था। जबसे बीपीओ सेवाओं का भारत में उछाल आया है इस सेक्टर ने भारत की भारी जनसंख्या को रोज़गार प्रदान किया है तथा विश्व के नक्शे पर भारत को एक अलग पहचान दिलाई है।
यदा-कदा यह विश्वास किया जाता रहा है कि केवल वही कार्य आउटसोर्स किये जाते रहे हैं जो अपनी कार्यशैली की दृष्टि से यांत्रिक या किसी निश्चित ढांचे में संपन्न होने वाले अल्पबौद्धिक कार्यों से संबंधित हों। परन्तु अब परिदृश्य बदल रहा है और आउटसोर्स के क्षेत्र में भारत जैसे देश को आउटसोर्स करने वाले देश अपने बहुत सर्जनशील, गंभीर तथा गोपनीय कार्य भी आउटसोर्स करना शुरू कर रहे हैं।
अउटसोर्सिंग के मामले में भारत तीव्रता से यू.ए.ए.स तथा यूरोप की कम्पनियों की दृष्टि में प्राथमिकता के स्तर तक पहुँच चुका है। भारत में साक्षरता का स्तर संतोषजनक है जो आउटसोर्स कार्य के लक्ष्य को स्पष्ट करता है। भारत जैसे देश में जनसंख्या का अच्छा प्रतिशत शिक्षित तथा अंग्रेजी-भाषी है, तो यह आउटसोर्स करने वाली कंपनियों के कार्य को और सरल कर देता है। भारतीय पेशेवर व्यक्ति उच्च रूप से कुशल तथा योग्य हैं तथा अच्छी गुणवत्ता की सेवाएँ प्रदान करते हैं। सस्ते कुशल कर्मचारी, बड़ी मात्रा में अंग्रेजी-भाषी जनसंख्या तथा समुचित संरचना के कारण कम्पनियाँ अपने कार्यों को भारत को आउटसोर्स करने लगी हैं। भारत में इस सेवा-उद्योग के फलने-फूलने के कारण मानव संसाधन एवं भौतिक संरचना का पूँजीकरण करने हेतु अधिक से अधिक कम्पनियों ने अपने कार्यों को मैट्रो शहरों में स्थापित किया है। कम्पनियों के वृहद् विस्तार के परिणामस्वरूप मैट्रो शहरों में प्रतिस्पर्धा ने गम्भीर रूप धारण कर लिया है और भारत आज एक बड़ा आउटसोर्स कार्य करने वाला देश बन चुका है।
उपयोगी शब्दार्थ
( shabdkosh.com is a link for an onine H-E and E-H dictionary for additional help)
समझौता m
विनिर्माण m निष्पादित करना विकल्प m चयन m बेहतरीन उपयोग m प्रबन्धन m व्यापारिक गतिविधि f हस्तान्तरित करना व्यावसायिक संगठन m स्थानान्तरित करना श्रम का विभाजन m संविदात्मक समझौता m मानव-संसाधन सुविधाएँ f.pl. तथ्य-लेखन m अभियान्त्रिकी m वैश्विक परिदृश्य m परिपथ m प्रचुर मात्रा f पेशेवर व्यक्ति m परियोजना f अनुरक्षण समस्या f यदा कदा कार्यशैली f यांत्रिक अल्पबौद्धिक कार्य m परिदृश्य m सर्जनशील गोपनीय प्राथमिकता f साक्षरता का स्तर m समुचित संरचना f भौतिक संरचना f पूँजीकरण m वृहद् विस्तार m |
agreement, compromise
manufacturing to accomplish alternative selection excellent use management commercial activity to transfer (to another agency) commercial organization to transfer (to another place) division of labor contractual agreement human resources facilities writing/transcription of facts engineering global scenario circuit sufficient quantity, abundant professional person project maintenance problem sometime(s) working style mechanical low intellectual work scenario creative confidential priority literacy level appropriate structure material structure capitalization wide expansion |
Linguistic and Cultural Notes
1. The passive voice is an important linguistic device used in Hindi primarily for agent-less sentences. When the agent is not clear to the writer/speaker or when the writer/speaker prefers not to mention the agent, passive voice is very useful.
2. India has been a vital destination for outsourced services by multi-nationals in Western nations. India’s annual revenue from outsourcing is more than 10 billion dollars, which is almost 1% of India’s GDP. There are a large number of research papers, videos, and feature films on this subject.
Language Development
The two following vocabulary categories are designed for you to enlarge and strengthen your vocabulary. Extensive vocabulary knowledge sharpens all three modes of communication, With the help of dictionaries, the internet and other resources to which you have access, explore the meanings and contextual uses of as many words as you can in order to understand their many connotations.
Semantically Related Words
Here are words with similar meanings but not often with the same connotation.
निष्पादित करना
व्यापारिक मानव प्रचुर कार्यशैली उपयोग विभाजन |
संपन्न करना
व्यवसायिक, व्यावसायिक मनुष्य, व्यक्ति, आदमी पर्याप्त कार्यपद्धति प्रयोग तकसीम |
Structurally Related words (Derivatives)
बेहतर, बेहतरीन
प्रबंध, प्रबंधन, प्रबंधक
हस्त, हस्तान्तरित
व्यवसाय, व्यवसायी, व्यवसायक, व्यवसायिक, व्यावसायिक
स्थान, स्थानान्तरित
श्रम, परिश्रम, श्रमिक, श्रमदान
साधन, संसाधन
अभियन्ता, अभियान्त्रिकी
पथ, परिपथ
रक्षा, सुरक्षा, रक्षण, रक्षक, संरक्षण, अनुरक्षण, आरक्षण
यंत्र, यांत्रिक, संयंत्र
सर्जन, सर्जनशील, सृजन, सर्जनात्मक, सृजनात्मक
प्रथम, प्राथमिक, प्राथमिकता
रचना, रचनात्मक, रचनात्मकता, रचनाकार, संरचना
पूंजी, पूंजीपति, पूंजीवाद, पूंजीवादी, पूँजीकरण
Comprehension Questions
1. Based on the text, what makes India a preferred place for outsourcing?
a. low wages
b. time difference
c. quality service
d. all of the above
2. Based on the text, which task is not outsourced to India?
a. manufacturing
b. market analysis
c. online problem fixing
d. creative tasks