b. Business Headlines – type B
Module 8.2
व्यावसायिक समाचार Business News
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राष्ट्रीय समाचार – 1 National News
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Text Level
Advanced
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Mode
Interpretive
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What will students know and be able to do at the end of this lesson?
Understanding the distinctiveness of idiom and reporting style of Hindi media |
Text
1.आवश्यक वस्तुओं का बढ़ा आयात
चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीने के दौरान आयात भले ही लगातार कम होता जा रहा हो लेकिन संवेदनशील वस्तुओं के आयात में कोई कमी नहीं हुई है । हो सकता है कि इसका कारण घरेलू बाजार में महंगाई रोकने की सरकारी मुहिम हो लेकिन संवेदनशील वस्तुओं का तेजी से बढ़ता आयात आने वाले दिनों में सरकार के लिए नया सिरदर्द साबित हो सकता है । जिन वस्तुओं का आयात बढ़ा है उनमें खाद्य तेल, दूध व दूध से बने उत्पाद, दाल, चाय व कॉफी, रबर प्रमुख हैं । सरकार ने इनमें से अधिकांश उत्पादों के आयात को फिलहाल खुली छूट दे रखी है । ऐसा घरेलू बाजार में महंगाई रोकने के लिए किया गया है । 2. टेलीकॉम कंपनियों के लिए विदेशी कर्ज जुटाना आसान स्पेक्ट्रम फीस के लिए फंड जुटाने की दिक्कतों का सामना कर रही टेलीकॉम कंपनियों के लिए सरकार ने विदेशी बाजारों से कर्ज जुटाने के नियमों में ढील देने की घोषणा की है । इसके तहत कंपनियों के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन की कीमत रुपये में चुकाने की मंजूरी दे दी है । वित्त मंत्रालय के एक आधिकारिक बयान के मुताबिक टेलीकॉम कंपनियां स्पेक्ट्रम फीस रुपये में चुकाने के बाद एक साल तक ई.सी.बी. के जरिए संसाधन जुटा सकेंगी । इस राशि के इस्तेमाल पर नजर रखने की जिम्मेदारी विदेशी बाजारों से वित्त जुटाने वाले अधिकृत डीलरों की होगी। साथ ही वित्त मंत्रालय ने यह भी साफ कर दिया है कि घरेलू बैंक टेलीकॉम कंपनियों को किसी तरह की गारंटी उपलब्ध नहीं करा सकेंगे । मोबाइल टेलीफोन सेवा प्रदान करने वाली टेलीकॉम कंपनियों को स्पेक्ट्रम फीस के लिए ई.सी.बी. जुटाने की मंजूरी सरकार पहले ही दे चुकी है । मगर इसमें कंपनियों को दिक्कत आ रही थी। 3.कपड़ा उद्योग विदेशी मशीनों के भरोसे भारत का कपड़ा उद्योग देश में निर्मित उच्च स्तरीय मशीनरी के अभाव से ग्रस्त है । अगर कताई की कुछ मशीनों को छोड़ दिया जाए तो कपड़ा उद्योग मुख्य रूप से महंगी आयातित मशीनों पर ही आश्रित है । देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कपड़ा उद्योग का योगदान चार फीसदी है । कपड़ा उद्योग की इस पुरानी समस्या की सुध लेकर सरकार ने स्वदेशी मशीनरी विनिर्माता कंपनियों से इस दिशा में पहल करने को कहा है । साथ ही सरकार ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि वह इस काम में उनको हर मुमकिन मदद देगी । भारी उद्योग राज्यमंत्री अरुण यादव ने यहां 65वें अखिल भारतीय कपड़ा उद्योग अधिवेशन के दौरान कहा कि निश्चित तौर पर देश में कपड़ा उद्योग के समक्ष उच्चस्तरीय स्वदेशी मशीनरी का संकट है । उन्होंने कहा कि देश में कताई की मशीनें तो बनाई जाती हैं लेकिन इसके बाद की बारीक प्रक्रिया के लिए कपड़ा विनिर्माता इकाइयों को करीब 80 प्रतिशत मशीनों का आयात करना पड़ता है । 4.महंगाई पर मंथन करेंगे सभी सीएम बेकाबू होती मंहगाई को गंभीरता से लेते हुए केंद्र ने इस पर काबू पाने के लिए 11 सूत्री उपायों की रूपरेखा तैयार की थी । उस पर अमल करने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाने का फैसला किया। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में यहां हुई कैबिनेट की मूल्य संबंधी समिति [सी.सी.पी.] में यह निर्णय किया गया । कृषि मंत्री शरद पवार ने बैठक के बाद संवाददाताओं को इस रूपरेखा की जानकारी देते हुए भरोसा जताया कि चार से आठ दिन के भीतर आवश्यक वस्तुओं और हफ्ते-दस दिन में चीनी के दाम काबू में आने शुरू हो जाएंगे । पवार ने कहा कि कीमतें काबू करने में मुख्य भूमिका राज्यों की है इसलिए प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई है जो 22 या 27 जनवरी को होगी । बैठक में निर्णय किया गया कि आसमान छूते चीनी के दामों को जमीन पर लाने के लिए सफेद चीनी को 31 दिसंबर 2010 तक शून्य डयूटी पर आयात करने की छूट होगी और इसके आयात की कोई सीमा भी नहीं होगी। इसके अलावा अगले दो महीनों में बीस से तीस लाख टन गेहूं और चावल खुले बाजार में जारी किया जाएगा जिससे इनके दाम गिर सकें । 5.फ़ाइज़र की नज़र भारतीय कंपनी पर भारत में दवा-बाज़ार एक लाख करोड़ रूपए का है । दुनिया की सबसे बड़ी दवा कंपनियों में से एक फ़ाइजर ने भारत में अपने कारोबार को बढ़ाने के प्रयास तेज़ करने के संकेत दिए हैं । कंपनी बिक्री के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी दवा कंपनी है लेकिन भारतीय बाज़ार में इसका स्थान काफी पीछे है । फ़ाइजर के दक्षिण एशिया विभाग के चेयरमैन गैरी बकार्रो ने हरियाणा के करनाल में कहा कि उनका पहला लक्ष्य भारतीय बाज़ार में कारोबार कर रही पाँच बड़ी दवा कंपनियों में शुमार होना है । उन्होंने कहा, “ऐसी संभावना है कि अगले दो वर्षों में दवा के विश्व बाज़ार में भारत तीसरे स्थान पर होगा. हमारी रणनीति यहां के बाज़ार में आगे निकलने की है ।” गैरी बकार्रो का कहना है कि उनकी कंपनी भारत में प्रसार के लिए किसी अन्य कंपनी के साथ रणनीतिक साझीदारी पर भी विचार कर रही है. हालांकि उन्होंने किसी कंपनी का नाम नहीं लिया । भारत में दवा बाज़ार का आकार लगभग एक लाख करोड़ रूपए का है और सिप्ला, रैनबैक्सी और जीएसके अग्रणी खिलाड़ी हैं । |
Glossary
( shabdkosh.com is a link for an onine H-E and E-H dictionary for additional help)
आयात m | import |
संवेदनशील वस्तुएं f | sensitive goods |
मुहिम m | अभियान m, campaign |
खाद्य तेल m | edible oil |
आवंटन m | allocation |
वित्त मंत्रालय m | finance ministry |
आधिकारिक बयान m | official statement |
संसाधन m | resource |
उच्चस्तरीय | high level |
आश्रित होना | to depend on |
प्रक्रिया f | process |
विनिर्माता m | manufacturer |
11 सूत्री उपाय m | 11 point plan |
रूपरेखा f | outline |
संवाददाता m/f | (media) correspondent |
संभावना f | probability |
रणनीति f | कार्यनीति f, strategy |
रणनीतिक साझीदारी f | strategic partnership |
अग्रणी | leading |
Structural Review
1. | आयात भले ही लगातार कम होता जा रहा हो | The words भले ही have lost connection with their literal meaning. This collocation has somehow come to mean – even if, though, although. It is not clear how the meaning traveled from its literal sense to its present sense. The same word भला by itself gives a different meaning in usages like – मैं भला क्यों जाऊंगा?, which means – Why do you think I would go (there)? |
2. | आयात भले ही लगातार कम होता जा रहा हो
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Here the verb sequence Vता+Verb stem gives the sense of an uninterrupted action. In the current usage, the verb sequence being conjugated in continuous aspect denotes an uninterrupted action in progress. The final part of the conjugation is in subjunctive mode. See the same sentence in different tenses – होता जा रहा है, होता जा रहा था, होता जा रहा होगा and with habitual conjugation as in होता जाता है, होता जाता था, होता जाता होगा, and with perfective conjugation as in होता गया है, होता गया था, होता गया होगा. |
3. | आसमान छूते चीनी के दामों को जमीन पर लाने के लिए | This is a present participial construction छूते हुए where हुए is left understood. The meaning is similar to English –ing forms. |
Cultural Notes
1. | Acronyms
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Acronyms are usually based on English. See for example in this lesson – ईसीबी, जीडीपी, सीएम, सीसीपी, सीएम. |
2. | Recently coined words in Hindi
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Some examples from this unit are वित्त वर्ष, आयात, उत्पाद, मंत्रालय, आधिकारिक, संसाधन, अधिकृत, उद्योग, योगदान, विनिर्माता, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, रणनीति, साझीदारी. There are hundreds of such new words in almost every discipline. |
Practice Activities (all responses should be in Hindi)
1. | Compare a couple of news items in Hindi and English newspapers. Note any
difference in their treatment of the same topic. |
2. | To what extent is Hindi linguistically dependent on English for conveying its
Content? What are the reasons that one language becomes partially dependent on another language? |
3. | Translate into English a couple of paragraphs of a Hindi text and list challenges you have in doing so. |
4. | Can you make a list of ten words which can be easily conveyed in written Hindi but for which Hindi speakers are in the habit of using their English equivalents. |
5. | Prepare a power-point presentation about current news items in India’s domestic business. |
Comprehension Questions
1. According to the text, what did the government do to stem rising prices in the domestic market?
a. cut down import of most commodities
b. cut down import of specific commodities
c. increase import of most commodities
d. increase import of specific commodities
2. What is Pfizer’s strategy for entering into the Indian market?
a. to be the third largest investor in the pharmaceutical industry
b. to compete with major Indian pharmaceutical companies
c. to enter into a parternship with a pharmaceutical company
d. to introduce brand new products into the Indian market